दोस्तों मुझे भारत के लगभग हर हिस्से से लोग फोन करके पूछते हैं की हम वाटर प्यूरीफायर लगवाना चाहते हैं,,कौन सा लगवाएं....
वाटर प्यूरीफायर लगाना एक ऐसा धंधा बन चुका है जिसमे विक्रेता जहां अवश्क्य्ता ना हो वहाँ भी आपको गलत राह दिखा कर अपने यन्त्र लगा जाते हैं,,,
जल शोधक यन्त्र मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं आर.ओ (R.O.). और यु. वी .(U.V.)
आर.ओ जल के सभी केमिकल्स को कम करता है और यु वी सिर्फ बक्टेरिया को ख़तम करता है..लेकिन आर ओ ,सिर्फ वहाँ के लिए उपयोगी होते हैं जहां जल भारी होता है,,यानी टी डी एस बहुत ज्यादा होता है,,लेकिन ये विक्रेता कम टी डी एस वाले पानी पे भी आर ओ लगा डालते हैं,क्योंकि वो सिर्फ एक टेस्ट (PRECIPITATION TEST) को ही जल गुणवत्ता का आधार मान लेते हैं...,वो एक ऐसा टेस्ट करके आपको गुमराह करते हैं जिस पर बेन लगाया गया है ,,आम आदमी की समझ में नहीं आता की क्या हो रहा है,,वो आपके घर के पानी को काला /हरा करके बोलते हैं की आप ये पानी पी रहे हो,,जबकि वो सिर्फ पानी में घुले हुए साल्ट होते हैं जो ऊपर आ जाते हैं...जहां हल्का पानी हो वहाँ सिर्फ यु वी फ़िल्टर ही काम कर जाता है वो भी अगर लगवाना बहुत जरूरी हो ..अगर आपके घर पे आर ओ यन्त्र लगा हुआ है तो अगर आप या आपके घर के सदस्य कोई दूसरा पानी पीते हैं तो बीमार होने के चांस बढ़ जाते हैं,,क्योंकि आपका शारीर उसी पानी का आदी हो चुका होता है...,,अगर आपके घर के पानी का टी डी एस तक भी है और उसमे और कोई हानिकारक केमिकल नहीं है तो आपको आर ओ लगवाने की कोई जरूरत नहीं......जागो ग्राहक जागो...(कुंवर अमित सिंह)
http://www.wqa.org/pdf/Consumer%20Briefs/Precipitation%20Tests.pdf